Book Title: Keet Patango ki Ascharyajanak Baten
Author(s): Rajnish Prakash
Publisher: Vidya Vihar

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Page 46
________________ टिड्डी ससार-भर में फसलो को नुकसान पहुँचाने मे टिड्डी जैसा शत्रु कोई नही होता । जहाँ टिड्डी दल बैठ जाए वहाँ की फसल के केवल डठल ही शेष रह जाते हैं । किसी समय टिड्डियों का दल अतरराष्ट्रीय स्तर पर फसलों और वनस्पतियों का नाश करता था । टिड्डी दल के आने का नाम सुनकर किसान आज भी भयभीत हो जाता है। खटमल खटमल का शरीर चपटा और अडाकार होता है। इसके अनेक स्पर्श सूत्र पाए जाते हैं, जिनकी सहायता से यह अपना शिकार ढूँढता है । इसकी छाती पर तीन जोडी टाँगे होती हैं । परतु इस कीट के पख नहीं होते है । यदि होते तो न जाने यह और कितने जुल्म ढाता । काला आजार, प्लेग और मियादी बुखार खटमलो के काटने से होता है। कीट पतंगों की आश्चर्यजनक बातें 45


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