Book Title: Karmashala Parikalan
Author(s): Gurubachansingh Narang
Publisher: Hariyana Sahitya Academy Chandigarh

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Page 13
________________ कर्मशाला परिकलन/5 गुणाx वह साधन जिसके द्वारा एक संख्या को दी हुई संख्या का गुणा। भाग वह साधन जिस के द्वारा यह पता चले कि कितनी बार एक संख्या दी हुई संख्या में रखी है। हर को हर से तथा अंश को अंश से गुणा करो। दूसरी भिन्न के उल्टे को पहली भिन्न से गुणा करो। 2x1-2 - -2 पूर्ण संख्याओं के रूप में दशमलव बिन्दु को गुणनफल में उतने स्थानों तक रखो जितने आप गिन सकते हैं। (बायीं ओर से) शून्य को जमा करो यदि जरूरत पड़े। 1.4 x 0.02 14x2-28 2.028 पूर्ण संख्या प्राप्त करने के लिए आवश्यकतानुसार दशमलव बिन्दु को दोनों संख्याओं में दायीं ओर से दूर रखो। दशमलव बिन्दु को दायीं ओर से 2 दशमलव स्थानों तक रखो। 1.5-0.25-150:25-6 2 1 2 दशमलव स्थान बायीं ओर से दशमलव बिन्दु दो स्थानों तक । साधारण भिन्न को वशमलव भिन्न में बदलना साधारण भिन्न के अंश को हर से भाग दो । न्य शूको दशमलव बिन्दु के बाद जमा करो; आवश्यकतानुसार । उदाहरण: (1) साधारण भिन्न है को दशमलव भिन्न में बदलो । 0.4 5) 20 ( 20 4 (2) भिन्न 11 को दशमलव भिन्न में बदलो। 12) 0.91666 110 10.8 20 12

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