Book Title: Karmashala Parikalan
Author(s): Gurubachansingh Narang
Publisher: Hariyana Sahitya Academy Chandigarh

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Page 33
________________ कर्मशाला परिकलन/25 व्याख्या : क पर बड़े से बड़ा नम्बर रखें जिसका वर्ग बराबर है या कम है। पहले पीरियड (2) से और पहले पीरियड से घटाओ। अगले पीरियड को नीचे लाओ। क को डवल करो और छ में लगाओ। अब एक आकृति ख चुनो जो कि जब किसी संख्या से गुणा हो और छ और ख आपस में 136 से बड़े नहीं है। उनके द्वारा दिखया जाए। उत्तर में ख को लिखो और दूसरी तरफ घ, बनावट छ ख को ख से गुणा करो (25x5 = 125) और 136 में से घटाएँ। दुबारा अगले पीरियड (61) को नीचे लाओ, बनावट क ख को डबल करो (15x2 = 30) और ज में इसको लगाओ। ग को चुनो इसलिए कि जब यह ग द्वारा गुणा हो तो बनावट ज ग (303x3-909) परिणाम 1161, से ज्यादा नही आता, पहले की भान्ति गुणा करो और घटा करो। इस विधि को अगला पीरियड लाने के लिए लगातार चलाएं जब तक कि परिणाम नहीं आता। निम्नलिखित परिणामों को याद के लिए पक्का कर लें सारिणी 1 /2 13 15- =1.414 1.732 2.236 V6 -2.449 17--2.6458 18 =2.8284 धन और मूल को लघु गुणा द्वारा हल किया जाता है : हल की हुई उदाहरण 1. वर्गमूल ज्ञात करो: 21025, 18, 97.8121 (i) 21025 2 10 25(145 24)110 96 (ii) 18 18000000(4.242 16 82)200 164 844)3600 3376 8482) 22400 16964 5436 उत्तर : 4.242 - 285)1425 1425 उत्तर: 145 (iii) 97.8121 97.81 21(9.89 81 188)1681 1504 1969)17721 17721 उत्तर 9.89

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