Book Title: Karmashala Parikalan
Author(s): Gurubachansingh Narang
Publisher: Hariyana Sahitya Academy Chandigarh

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Page 39
________________ AT, कर्मशाला परिकलन/31 बाहरी 9:3 - 12:4 नियम 4. बीच वाली किसी भी समानुपात में बाहरी मख्याओं का गणनफल वीच वालो संख्याओं के बराबर होता है। या 9X4-3x12 यदि चार संख्याओं में से एक नहीं दी गई तो ऊपर वाले नियम की सहायता से इस संख्या को ज्ञात किया जा सकता है। 9x4 उदाहरण : 1. 9 : अ =12x4 .:अ = -3 3x12 2. 9:3=12: .. अ सीधा समानुपात : सीधा समानुपात वह वस्तु है जिसमें अनुपात एक ही पद्धति में बदलती है। उदाहरण के लिए ऐसा माना जाता है कि वतों का घेरा उनके व्यास के वर्गों के सीधा समान पात होता है। इसका अर्थ या बढ़ता है वैसे वैसे वर्ग का व्यास भी बढ़ता है एक वृत जिसका व्यास 2 सेंमी० है उसका क्षेत्रफल 3.1416 वर्ग से मी० है, जब कि एक वृत जिसका व्यास 4 सेमी है। उस का क्षेत्रफल 12.5664 वर्ग से मी० है इस कथन को हम वत का क्षेत्रफल के नियमित सूत्र से प्रमाणित कर सकते हैं। क्षेत्रफल - --व्यास mawater-ms जैसा कि सीधे समानुपात, के सम्बन्ध को ऐसे भी कहा जा सकता है। (2) : (3)=3.1416 : 12.5664 (छोटा व्यास) - : (बड़ा व्यास) : छोटा क्षेत्रफल बड़ा क्षेत्रफल जबकि छोटा व्यास-छोटे वृत का व्यास बड़ा व्यास-बड़े वृत का व्यास छोटा क्षेत्रफल-छोटे वृत का क्षेत्रफल वड़ा क्षेत्रफल=बड़े वृत का क्षेत्रफल indiasishrmstournearanamuma असमान अनुपाती: एक असमान अनुपाती और विलोम समानुपात वह है जिसमें अनुपात एक ही प्रणाली में नहीं बदलते । गतियों और पुली के व्यासों के बीच का सम्बन्ध असमान अनुपाती का एक अच्छा उदाहरण है। इसको अच्छी । प्रकार से जाना जा सकता है जब दो विभिन्न प्रकार की पुलियों पर जब एक साथ पेटी चढाई जाए तो छोटे वाली पूली बड़ी वाली पुली से ज्यादा तेज चलेगी।

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