Book Title: Karmagrantha Part 2
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 221
________________ ' कर्मस्ता : परिशिष्ट पुत्थान-गंगादि शिायक कम आठ कमों की १४८ प्रकृतियों का बन्ध, उवय, उदीरणा और सत्ता किस-किस गुणस्थान तक होती है पानक । उत्तर प्रकृतियों ' ! की संस्था का क्रम मूल कर्म की उत्तर प्रकृतियों के नाम | किस गुणस्थान | सक बंध * किस गुणस्थान तक उदय उदारणा | ३ ४ १५ १० १२ १२ ज्ञानाधरण-५ १ मतिज्ञानावरण २ श्रुतज्ञानावरण ३ अवधिज्ञानावरण ४ मनःपर्ययज्ञानावरण ५ केवलज्ञानावरण दर्शनावरण - १ चक्षुदर्शनावरण २ अचक्षुदर्शनावरण ३ अवधिदर्शनावरण केवलदर्शनावरण ५ निद्रा . ८ E ४ १५ १६ १२ १२ १० १२ १२ १२ १० एक समय आवलिका एक न्यून-१२ समयाधिक समय न्यून-१२ न्यून-१२

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