Book Title: Karmagrantha Part 2
Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 224
________________ द्वितीय जर्मग्रम : परिशिष्ट १९९ १४ ४६ .१ ५० २ ५१३ ५२ ४ १४ ११६ ८ ५६ नाम कर -: मनूष्यगति ४ १४ १३ तिर्यंचगति २ ५ ५ देवगति ४ ४ नरकगति ४ ४ एकेन्द्रियजाति । द्वीन्द्रिय जाति त्रीन्द्रियजाति १ चतुरिन्द्रियजाति १ पंचेन्द्रियजाति औदारिकशरीर ४ १३ वैत्रियशरीर ८६४ आहारकशरीर ८१६ छठवां छठवां तेजसशरीर ६ १३ १३ कार्मणशरीर ६ औदारिकअंगोपांग ४ वैक्रिय , ८६ आहारक , ८६ छठवां छठवां औदारिकर्बधन इन वैक्रिय , सब ५८ १० ६५ १६ * एकेन्द्रिय और विकलेन्द्रिय को मात्र पहला और दूसरा गृणस्थान- ये दो : ही गुणस्थान होते हैं।

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