Book Title: KALP Barsa SOOTRA
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 32
________________ दशाश्रुत छेदसूत्र अन्तर्गत् “कल्पसूत्रं (बारसासूत्र) (मूलम्) ........... मूलं- सूत्र.[३८] / गाथा.||१|| ........ मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित....."कल्प(बारसा)सूत्रम्" मूलम् कल्प प्रत सूत्रांक/ गाथांक [३८] पूरगं,समुद्ददगपूरगं दुम्मणं जणं, दइअवजिअं, पायएहिं, सोसयंतं पुणो सोमचारुरूवं बारसो पिच्छइ सा गगणमंडलविलाससोमचंकम्ममाणतिलगं रोहिणिमणहिअयवल्लहं देवी,पुन्नचंदं समुल्लसंतं,६॥३८॥ तओ पुणो तमपडलपरिप्फुडं ,चेव तेअसा पन्जलंतरूवं, रत्तासो-13 गपगासकिंसुअसुअमुहगुंजद्दरागसरिसं कमलवणालंकरणं अंकणं जोइसस्स अंबरतलपई-3 वं हिमपडलगलग्गहं गहगणोरुनायगं, रत्तिविणासं उदयत्थमणेसु मुहुत्तसुहदसणं, दुन्निरिशक्खरूवं रत्तिसुद्धंतदुप्पयारपमद्दणं सीअवेगमहणं,पिच्छइ मेरुगिरिसययपरियडयं विसालं सूरं रस्सीसहस्सपयलियदित्तसोहं ७॥३९॥ तओ पुणो जच्चकणगलट्ठिपइट्ठिअं समूह-13 नीलरत्तपीयसुकिल्लसुकुमालुल्लसियमोरपिच्छकयमुद्धयं धयं अहियसस्सिरीयं, फालिअसंखंककुंददगरयरययकलसपंडुरेण मत्थयत्थेण सीहेण रायमाणेण रायमाणं भित्तुं ,गगणत-2 लमंडलं चेव ववसिएणं,पिच्छइ सिवमउयमारुयलयाहयुकंपमाणं, अइप्पमाणं जणपिच्छ SSASSTRIChetest दीप : + अनुक्रम [४०] ~~31~

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