Book Title: KALP Barsa SOOTRA
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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दशाश्रुत छेदसूत्र अन्तर्गत्
“कल्पसूत्रं (बारसासूत्र) (मूलम्) ........... मूलं- सूत्र.[२०] / गाथा.||-|| ....... मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......"कल्प(बारसा)सूत्रम्" मूलम्
कल्प
प्रत
सूत्रांक/
गाथांक [२०]
वासावासं पजोसवियस्स निच्चभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगं गोअरकालं गाहावइ-16 बारसो कुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, नन्नत्थायरियवेयावच्चेण वाद एवं उवज्झायवे तवस्सिवे० गिलाणवे. खुड्डएण वा खुड्डियाए वा अवंजणजायएण वा है। ॥२०॥वासावासं पज्जोसवियस्स चउत्थभत्तियस्स भिक्खुस्स अयं एवइए विसेसे-जं से । पाओ निक्खम्म पुवामेव वियडगं भुच्चा पिच्चा पडिग्गहगं संलिहिय संपमज्जिय से य है। संथरिजा, कप्पइ से तदिवसं तेणेव भत्तट्टेणं पज्जोसवित्तए-से य नो संथरिजा, एवं से कप्पइ दुच्चंपि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥२१॥ वासावासं पजोसवियस्स छटुभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति दो गोअरकाला गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्ख० पविसि ॥२२॥ वासावासं पज्जोसवियरस अट्टमभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओगोअरकालागाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वानिक्खमि०पविस०
दीप अनुक्रम [२८०
1646400445649
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