Book Title: KALP Barsa SOOTRA
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 127
________________ दशाश्रुत छेदसूत्र अन्तर्गत् “कल्पसूत्रं (बारसासूत्र) (मूलम्) ........... मूलं- सूत्र.[२३] / गाथा.||-|| ...... मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......"कल्प(बारसा)सूत्रम्" मूलम् प्रत सूत्रांक/ गाथांक [२३] ॥२३॥ वासावासं पजोसवियस्स विगिभत्तिअस्स भिक्खुस्स कप्पंति सवेवि गोअरकाला गाहा० भ० पा० निक्खमि० पविसि ॥२४॥ वासावासं पजोसवियस्स निच्चभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति सवाइं पाणगाइं पडिगाहित्तए। वासावासं पजोसवियस्स चउत्थभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाई पडिगाहित्तए, तंजहा-ओसेइम, संसेइम, चाउलोदगं वासावासं पज्जोसवियस्स छद्रभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए, तंजहा-तिलोदगंवा,तुसोदगंवा, जवोदगं वा। वासावासं पजोसवियस्स अट्ठमभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए, तंजहा-आयामेवा, सोवीरे वा, सुद्धबियडे वा । वासावासं पज्जोयवियस्स विगिभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगे उसिणटवियडे पडिगाहित्तए, सेविय णं असित्थे नोविय णं ससित्थे । वासावासं पजोसवियस्स भत्तपडियाइक्खियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगे उसिणवियडे पडिगाहित्तए, सेविय णं दीप अनुक्रम [२८३] ~ 126~

Loading...

Page Navigation
1 ... 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145