Book Title: KALP Barsa SOOTRA
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
View full book text
________________
दशाश्रुत छेदसूत्र अन्तर्गत्
“कल्पसूत्रं (बारसासूत्र) (मूलम्) ........... मूलं- सूत्र.[७] / गाथा.||१|| ........... मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......"कल्प(बारसा)सूत्रम्" मूलम्
S
बारसो
प्रत
सूत्रांक/
गाथांक
[७]]
कल्प० गुत्तियं २ तइयं च होइ जसमदं ३। एयाई उड्डुवाडिय-गणस्स तिण्णेव य कुलाई | ॥५४॥ ॥१॥थेरेहिंतो णं कामिड्डीहिंतो कोडालसगुत्तेहिंतो इत्थ णं वेसवाडियगणे नामं गणे ।
निग्गए, तस्स णं इमाओ चत्तारि साहाओ चत्तारि कुलाई एवमाहिजंति । से किं तर साहाओ? सा तंजहा,-सावत्थिया १ रजपालिआ२, अंतरिजिया३, खेमलिज्जिया ४ से तं साहाओ, से किं तं कुलाई ? कुलाई एवमाहिजंति, तंजहा,-गणियं १ मेहिय २
कामड्डिअं३ च तह होइ इंदपुरगं ४ च । एयाइं वेसवाडिय-गणस्स चत्तारि उ कुलाई &॥१॥थेरेहिंतो णं इसिगुत्तेहिंतो काकंदएहिंतो वासिट्ठसगुत्तेहिंतो इत्थ णं माणवगणे ।
नामंगणे निग्गए, तस्स णं इमाओचत्तारि साहाओ, तिणि य कुलाई एवमाहिजंति,से कि तं साहाओ? साहाओ एवमाहिजंति, तंजहा, कासवजिया १,गोयमजिया २,वासिट्रिया , ३, सोरट्ठिया ४ से तं साहाओ, से किं तं कुलाई ? कुलाइं एवमाहिजंति, तंजहा,-इसिगु
दीप अनुक्रम [२४३]
EASEE*
॥ ५४॥
~ 113~
![](https://s3.us-east-2.wasabisys.com/jainqq-hq/76164c7fa23e60911d5617310496397d166734dcdd116eab4c2922ceab68bb97.jpg)
Page Navigation
1 ... 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145