Book Title: KALP Barsa SOOTRA
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 118
________________ दशाश्रुत छेदसूत्र अन्तर्गत् “कल्पसूत्रं (बारसासूत्र) (मूलम्) .......... मूलं- सूत्र.[७] / गाथा.||-|| ........... मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित....."कल्प(बारसा)सूत्रम्" मूलम् कल्प प्रत ॥५६॥ सूत्रांक/ गाथांक णं अजवइरसेणेहिंतो इत्थ णं अजनाइली साहा निग्गया, थेरेहितोणं अजपउमेहिंतो इत्थ बारसो णं अजपउमा साहा निग्गया,थेरेहिंतोणं अजरहेहिंतो इत्थ णं अजजयंतीसाहा निग्गया। थेरस्सणं अजरहस्सवच्छसगुत्तस्सअजपूसगिरी थेरे अंतेवासी कोसियगुत्ते।थेरस्सणं अजपूसगिरिस्स कोसियगुत्तस्स अजफग्गुमित्ते थेरे अंतेवासी गोयमसगुत्ते। थेरस्सणं अजफग्गुमित्तस्स गोयमसगुत्तस्स अजधणगिरी थेरे अंतेवासी वासिद्धसगुत्ते ।थेरस्स णं अज धणगिरिस्स वासिद्धसगुत्तस्स अन्जसिवभूई थेरे अंतेवासी कुच्छसगुत्ते।थेरस्सणं अजसिविभूइस्स कुच्छसगुत्तस्स अन्जभद्दे थेरे अंतेवासी कासवगुत्ते।थेरस्सणं अज्जभद्दस्स कासवगुत्तस्स अज्जनक्खत्ते थेरे अंतेवासी कासवगुत्ते।थेरस्सणं अज्जनक्खत्तस्स कासवगुत्तस्स अ-IPI जरक्खे थेरे अंतेवासीकासवगुत्ते।थेरस्सणं अजरक्खस्स कासवगुत्तस्स अजनागेथेरे अंतेवासी गोअमसगुत्ते । थेरस्स णं अन्जनागस्स गोअमसगुत्तस्स अजजेहिले थेरे अंतेवासी दीप अनुक्रम [२५३] 54504675452- 53-57 ॥५६॥ ~117~

Loading...

Page Navigation
1 ... 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145