Book Title: KALP Barsa SOOTRA
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
View full book text
________________
दशाश्रुत छेदसूत्र अन्तर्गत्
“कल्पसूत्रं (बारसासूत्र) (मूलम्) ........... मूलं- सूत्र.[७] / गाथा.||१|| .......... मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...... कल्प(बारसा)सूत्रम्" मूलम्
प्रत
सूत्रांक/
गाथांक
[७]]
कम्प इत्थणं गोदासगणे नामं गणे निग्गए, तस्स णं इमाओ चत्तारि साहाओ एवमाहिजंति, बारसो ॥५२॥ तंजहा-तामलित्तिया १, कोडीवरिसिया २, पंडुवद्धणिया ३, दासीखब्बडिया ४, थेरस्सणं
अजसंभूयविजयस्स माढरसगुत्तस्स इमे दुवालस थेरा अंतेवासी अहावच्चा अभिण्णाया ।। हुत्था, तंजहा-नंदणभदुश्वनंदण-भद्दे२ तह तीसभद्द ३ जसभद्दे ४ । थेरे य सुमणभद्दे ५,३ मणिभद्दे ६ पुण्णभद्दे ७ य॥१॥ थेरे अथूलभद्दे ८, उज्जुमई ९ जंबुनामधिज्जे १० य। थेरे अ दीहभद्दे ११,थेरे तह पंडुभद्दे १२ य॥२॥थेरस्स णं अजसंभूअविजयस्स माढर-15 सगुत्तस्स इमाओ सत्त अंतेवासिणीओ अहावच्चाओअभिण्णायाओ हुत्था,तंजहा-जक्खा य जक्खदिण्णा २, भूया ३ तह चेव भूयदिण्णा यथासेणा ५वेणा ६ रेणा७, भगिणीओ थूलभद्दस्स ॥१॥थेरस्स णं अजथूलभद्दस्स गोयमसगुत्तस्स इमे दो थेरा अंतेवासी अहा८.१ पोंडवद्धणिआ (क० कि०) २ सुमिणभद्दे (क० कि०, क० सु०) ३ गणिभद्दे (क० कि० क० सु०)
दीप अनुक्रम [२२७]
॥५२॥
~ 109~
![](https://s3.us-east-2.wasabisys.com/jainqq-hq/7a7124cf2fb60054ef5642f5f7cc3457a65ba2b0c8edbafed18fbbe160f1c05f.jpg)
Page Navigation
1 ... 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145