Book Title: Jinsenacharya krut Harivansh Puran aur Sursagar me Shreekrishna
Author(s): Udayram Vaishnav
Publisher: Prakrit Bharti Academy
View full book text ________________ 29. हरिवंशपुराण सर्ग 63/20-22 - पृ० 771 30. सूरसागर पद सं० 1233 - पृ० 478 31. सूरसागर पद सं० 287 - पृ० 93 / 32. हरिवंशपुराण सर्ग 36/44 - पृ० 465 33. हरिवंशपुराण सर्ग 42/91-92 - पृ० 511 34. हरिवंशपुराण सर्ग 52/46-49 - पृ० 600 35. सूरसागर पद सं० 1470 - पृ० 557 / 36. हरिवंशपुराण सर्ग 52/51-54 - पृ० 600 37. सूरसागर पद सं० 270 - पृ० 9 / 38. हरिवंशपुराण सर्ग 35/69 - पृ० 456 39. हरिवंशपुराण सर्ग 49/33 - पृ० 579 40. सूरसागर पद सं० 1214 - पृ० 472 41. हरिवंशपुराण सर्ग 52442-43 - पृ० 599 42. हरिवंशपुराण सर्ग 41/21-22 - पृ० 500 43. सूरसागर पद सं० 874 - पृ० 347 44. हरिवंशपुराण सर्ग 60/133-134 - पृ० 716 45. हरिवंशपुराण सर्ग 61/2-3 - पृ० 754 46. सूरसागर पद सं० 68 - पृ० 32 47. हरिवंशपुराण सर्ग 49/4 - पृ० 487 48. हरिवंशपुराण सर्ग 66/36 - पृ० 808 49. हरिवंशपुराण सर्ग 66/46 - पृ० 809 50. हरिवंशपुराण सर्ग 18/148 - पृ० 273 51. सूरसागर पद सं० 309 - पृ० 102 52. सूरसागर पद सं० 86 - पृ० 28 53. सूरसागर पद सं० 55 - पृ० 19 54. सूरसागर पद सं० 385 - पृ० 719 55. हरिवंशपुराण सर्ग 28/1/353 56. हरिवंशपुराण सर्ग 34/81 - पृ० 433 और वही 34/88, 92, 95-96, 107, 110, 112, 126-27, 132-149 57. हरिवंशपुराण सर्ग 28/51 - पृ० 377 D
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