Book Title: Jinsenacharya krut Harivansh Puran aur Sursagar me Shreekrishna
Author(s): Udayram Vaishnav
Publisher: Prakrit Bharti Academy
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________________ (23) भारतीय साधना और सूर साहित्य ': डॉ० मुंशीराम 'शर्मा' (24) भारतीय दर्शन ': डॉ० पारसनाथ 'द्विवेदी' (25) भारतीय संस्कृति को जैन धर्म का योगदान : डॉ० हीरालाल 'जैन'. (26) भावप्रकाश : हरिराम कृत (27) महाकवि सूरदास : आचार्य नन्ददुलारे 'वाजपेयी' (28) मध्यकालीन हिन्दी कृष्ण काव्य में रूप सौन्दर्य : डॉ. पुरुषोत्तमदास अग्रवाल' (29) मीराँ जीवनवृन्त : मुंशी देवीप्रसाद (30) मीराँ एक अध्ययन : शबनम (31) मीराँबाई पदावली : विद्यानव (32) रइधू साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास : डॉ० राजाराम जैन . . (33) रविषेण कृत पद्मपुराण और तुलसीकृत रामचरित मानसः डॉ० रमाकान्त 'शुक्ल' (34) रश्मिरथि : रामधारी सिंह दिनकर (35) राजस्थान के जैन कवि : व्यक्तित्व व कृतित्व : डॉ० कस्तूरचन्द 'कासलीवालं' (36) रामचरित मानस : गोस्वामी तुलसीदास (37) सूर और उसका साहित्य : डॉ० हरवंशलाल 'शर्मा' (38) सूरदास : डॉ० पीताम्बर 'बड्थवाल' (39) सूरदास ': डॉ० ब्रजेश्वर 'वर्मा' (40) सूरदास : आचार्य रामचन्द्र ‘शुक्ल' (41) सूर निर्णय : डॉ० द्वारकादास पारीख एवं प्रभुदयाल मित्तल (42) सूर की झाँकी : डॉ० सत्येन्द्र (43) सूरसागर भाग 1 व 2 ': स० आचार्य नन्ददुलारे 'वाजपेयी (44) सूर-सौरभ : डॉ० मुंशीराम 'शर्मा' (45) सूर की काव्य कला : डॉ० मदनमोहन 'गौतम' (46) सूर साहित्य : डॉ० हजारीप्रसाद द्विवेदी (47) सूर के कृष्ण एक अनुशीलन .: रश्मि 'तिवारी' (48) सूरदास और नरसिंह मेहता : डॉ० भ्रमरलाल 'जोशी'