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जैनविद्या 2. तेरहपंथी मंदिर, जयपुर ___1. पत्र संख्या 55 । ले. काल सम्वत् 1519 । वे. संख्या 868। __2. पत्र संख्या 71 । ले. काल सम्वत् 1603 । वे. संख्या 865 । 3. दि. जैन मन्दिर दीवानजी, कामा. ___1. पत्र संख्या 96 । ले. काल सम्वत् 15641
2. पत्र संख्या 82 । ले. काल सम्वत् 1625। ..
4. भट्टारकीय भण्डार, नागौर
1. पत्र संख्या 70 । ले. काल सम्वत 1639, फाल्गुन सुदि 13 । ग्रंथ संख्या 1073 । 2. पत्र संख्या 67 । ले. काल सम्वत 1538 मंगसर सुदि 5 1 ग्रंथ संख्या 2676 ।
जसहरचरिउ (यशोधर चरित्र) - यह एक सुन्दर खण्ड-काव्य है जिसमें पुण्यपुरुष यशोधर का चरित्रवर्णन है। यह कथानक बहुत लोकप्रिय रहा है। निम्न भंडारों में इसकी प्रतियाँ देखी जा सकती हैं। इनमें कितनी ही सचित्र प्रतियाँ भी हैं - . 1. दि. जैन मन्दिर पाटोदी, जयपुर
1. पत्र संख्या 82 । ले. काल सम्वत् 1407 । वे. संख्या 25 । 2. तेरहपंथी बड़ा मन्दिर, जयपुर
1. पत्र संख्या 66 । ले. काल सम्वत् 1539 । वे. संख्या 1439 । 2. पत्र संख्या 170 । ले. काल सम्वत् 14371 3. पत्र संख्या 63। 4. पत्र संख्या 83 ।
5. पत्र संख्या 171 । ले. काल सम्वत् 1913 । 3. भट्टारकीय मन्दिर, अजमेर ___1. पत्र संख्या 29 । ले. काल सम्वत् 1578 । वे. संख्या 970।
4. दीवानजी का मन्दिर, कामा
1. पत्र संख्या 61 । वे. संख्या 271 । 5. छोटे दीवानजी का मन्दिर, जयपुर
1. पत्र संख्या 89 । ले. काल सम्वत् 1672 । वे. संख्या 287 । 2. पत्र संख्या 63 । ले. काल सम्वत् 1897 । वे. संख्या 286 । 3. पत्र संख्या 60-68 । ले. काल सम्वत् 1630 ।