Book Title: Jain Vidya 02
Author(s): Pravinchandra Jain & Others
Publisher: Jain Vidya Samsthan

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Page 139
________________ 1.33 जैनविद्या (5) अनुवाद विभाग : यह विभाग महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का हिन्दी, अंग्रेजी तथा अन्य समसामयिक भाषाओं में अनुवाद करावेगा। जैनधर्म और दर्शन के विषय में लोग अपनी भाषा में ज्ञान प्राप्त कर सकें - यह इन अनुवादों का प्रयोजन होगा। (6) प्रसारण एवं जनसम्पर्क विभाग : यह विभाग जैन संस्कृति से सम्बन्धित प्रसारणों की आधुनिक पद्धति से व्यवस्था करेगा। (7) मुद्रणालय विभाग : संस्थान का आधुनिकतम साधनों से सुसज्जित अपना मुद्रणालय होगा।" पुरस्कार योजना: . प्रतिवर्ष 5000/- रुपये का "महावीर पुरस्कार" ऐसे व्यक्ति को भेंट किया जाता है जिसने साहित्यिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया हो। इसके अतिरिक्त अन्य पुरस्कार प्रदान करने की आयोजना भी विचाराधीन है। वर्तमान में यह संस्थान प्रो० प्रवीणचन्द्र जैन के मानद निदेशन में कार्य कर रहा है। इस सम्पूर्ण योजना के क्रियान्वयन के लिए क्षेत्र की प्रबंधकारिणी कमेटी ने जनविद्या संस्थान समिति का निम्न प्रकार गठन किया है - 1. श्री मोहनलाल काला जयपुर अध्यक्ष 2. डॉ० गोपीचन्द पाटनी संयोजक ...3. डॉ० राजमल कासलीवाल सदस्य 4. श्री ज्ञानचन्द्र खिन्दूका 5. श्री विजयचन्द्र जैन 6. श्री फूलचन्द्र जैन 7. श्री कपूरचंद पाटनी 8. डॉ० कमलचंद सोगानी उदयपुर 9. प्रो० प्रवीणचन्द्र जैन जयपुर पदेन सदस्य हमें प्रसन्नता है कि संस्थान की इस योजना को देश के अनेक विद्वानों ने सराहा है । यह संस्थान अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप ग्रहण कर सके, इसके लिए सबका सहयोग आवश्यक है । हमें पूर्ण विश्वास है कि इस संस्थान के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय जगत् के नैतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक उत्थान में अपेक्षित योगदान उपलब्ध होगा।

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