Book Title: Jain Vidya 02
Author(s): Pravinchandra Jain & Others
Publisher: Jain Vidya Samsthan

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Page 128
________________ पाठभेद 1. (क) चिदानन्द (ख) चिदानन्दु 2. (क) सनिंद (ख) सोणंदु 3. (क) जिन 4. (क) सयलसरीरहं सोइ 5. (क) महानंदि सौ 6. (क) गगन मंडल . 7. (क) होइ 8. (क) अपु निरंजनु अप्पु सिव (ख) अपु णिरंजणु परम सिउ 9. (क) परमानंदु 10. (क) मुढू कुदेऊन पूजिए (ख) मूढ कुदेवण पूजियइ 11. (क) भूलौ 12. (ख) अट्ठसट्ठि ---13. (ख) परिभमई 14. (क) मरहि भवंत 15. (क) अपा 16. (क) न 17. (ख) अप्पविंदु ण जाणहि 18. (क) घट्ट महि देउ अनंदु (ख) घट महिं देव अणंतु। 19. (क) पायमलु (ख) भित्तरि भरिउ पाउमलु 20. (क) मूढ करहिं सनानु (ख) मूढा करहि सण्हाणु 21. (क) जो मलु लागौ चित्तमहिं (ख) जे मल लागं चित महि 22. (क) ते क्यो जाहि सनान (ख) किम जाय सण्हाणि 23. (क) ध्यानु (ख) झारण 24. (ख) जुलु 25. (क) मुनीयर करहिं श्नानु (ख) मुणिवरु करइ सण्हाणु 26. (क) आठ कर्ममल धोवहि (ख) अट्ठ कर्ममल धोवहिं 27. (क) नियरउ पहु निव्वाणु 28. (क) वेणी संगमु जिन 29. (क) जलनी झंप न देहु

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