Book Title: Jain Siddhant Bhavan Granthavali Part 01
Author(s): Rushabhchand Jain
Publisher: Jain Siddhant Bhavan Aara

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Page 478
________________ १६ श्री जैन सिद्धान्त भवन ग्रन्थावली Bhre Devakumar Jain Oriental Library, Jarn, Siddhant Bhavan, Arman Colophon: इति चिंतामणिपार्श्वनाथ पूजा समाप्ता। ' देखें-Catg. of Skt & Pkt. Ms. P 641, ८२७ चिन्तामणि पार्श्वनाथपूजा Opening - जगद्गुरूजगद्देक जगदानन्ददायकम् । जगद्वद्य जगन्नाथ श्रीपार्श्व सस्तुवे जिनम् । जित्वा दाराति भवातरश्रेष्ठ कर्मापर्वत ॥ Closing ; Colophon:: Opening : Closing ८२८. चितामणि पार्श्वनाथ पूजा , शान्त - ... । · जायते पुजयेद्यः १७ आपद विधिहारी सपदा सौख्यकारी, .. त्रिभुवन पदधारी सिद्धलोकानसूरी। जल वहुविध पूरै गधमाल्यादि साहे, जिनवर मुख विम्व पूजित भावभक्त्या ।। इति पूर्ण। '' ८२६, चिन्तामणि पार्श्वनाथ पूजा' Colophon Opening Closing : देखे, ऋ० ८२७ । । । दीर्घायु शुभगोत्रपुत्रवनिता -... " • मागल्यमोक्षोद्यता." इति श्री चितामणिपार्श्वनाथवृहत्पूजा समाप्ता। Colophon: ८३०, दसलाक्षण उद्यापन Opening ! विमल गुणसमृद्ध भान विज्ञान शुद्धम्, अभयवन प्रचड चिन्मयूख प्रबडम् । बन दमविधमार मजते श्री विपार,

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