Book Title: Jain Siddhant Bhavan Granthavali Part 01
Author(s): Rushabhchand Jain
Publisher: Jain Siddhant Bhavan Aara

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Page 501
________________ Catalogue of Sanokr Prakrit, Apabhramsha & Hindi Manuscripts ( Puja Patha-Vidhāna ) Opening Closing Colophon Opening: Closing Colophon Opening Closing Colophon: Opening Closing : Colophon : , ०७. पद्मावती देवी पूजा • जगकुसुम कुस्कुम्म गंभीरमधुरमनोहर : इतिपद्यावती देवी पूजा सम्पूर्णम् । 10. पद्मावती ॥ ९०. पद्मावतीदेवी पूजन देखें, त्र० १०७ । सनोरगद्य सालिपुज श्री 500 ... 1 वृद्धि क्षेत्रपाल अर्धनम् ॥ ०६. पल्य, विधान पूजा कुर्वन्तु मगलम् ॥ ३०१ चत्वा संगौतम वीरं वांच्छिता प्रदायकम् । अवे पत्मविधानस्य यथा सूत्र हि पूजनम् ॥ हिएस्ति पाप भविना कृतार पूजेयमाप्तागमगोपरा च । धत्तं सुसौभाग्यपद सलील तनोषि सर्वत्र यशोभिरामम् ॥ नही है । १०. प्रतिष्ठा फल्प विज्ञान विमल यस्य विशद विश्वगोचरम १ समस्तस्मै जिनेंद्राय सुरेन्द्रायचितात्रये ॥ इति प्रतिष्ठाद्वतीय कार्तीय दिवसक्रियास्, य. करोति हि भव्यात्मा स. स्यात्कल्याणभाजनम् । इत्यार्षे श्रीमद्भट्टकिलकदेव सङ्गृहीते प्रतिष्ठाकल्प नाम्नि प्रये सूत्रस्थाने प्रतिष्ठा द्वितीय तृतीय दिवस विधि निरूपणीयो नामंकोनविंश परिच्छेद इत्यये ग्रयो भाद्रपद शुक्लदेशम्या तिथौ रात नेम जाहबयेन समालिख्य परिसमाप्तोऽभूद्द भद्ध भूयदिति । महावीर साक २४५२, १९२६ ईस्की । J

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