Book Title: Jain Siddhant Bhavan Granthavali Part 01
Author(s): Rushabhchand Jain
Publisher: Jain Siddhant Bhavan Aara
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बी जैन सिद्धान्त भवन प्रन्यावली Shri Devakumar Jain Orrental Library, Jain Siddhant Fhayan, Arroh .
६६८. कर्मदहन पूजा .
.
Opening I देखें-क० ८१५ ।
Closing . देखे-क्र. ८६६ । Colophoni इति कर्मदहनपूजा सपूर्णम् ।
इदं कर्मदहनपूजाव्रजपालदासक्यात्मज जिनणरदासन लिखपिता ।।
स्वय पठनाय ।।
.. ८६६ कर्मदहन पूजा Opening । देखे ऋ० १५। Closing | देखे, ऋ० ८६६ । Colophone आशीर्वाद । इति कर्मदहनपूजा ममाप्ता। अथ स.या
३३५ । शुभ भवतु।
८७०. कमदहन पूजा Opening: । देखें-०१५ - Closing: देखें-०६६। ।
इति कम दहन पूजा सपूर्णम् । -
- Colophon's "शुभमस्तु ।
ni:: . .. १७१. कर्मदहन पूजा OPenings देखें-०.८१५!... Closing:: .. या धमकनिबन्धन - यमानन्दवा ॥ Colophon: इति सूरि श्री वादिचन्द्रकृता श्री कर्मदहनपूजा समाप्ता।
६७२. क्षेत्रपाल पूजा,
17
८७२
Opening:
श्री काष्ठासंघ वरपूर्णचन्द सर्वज्ञवयं प्रणिपस्य
श्री क्षेत्रपालोत्तमपूजनस्य, विचिपृवक्ये विधि ननिमतः ॥

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