Book Title: Jain Ramayan
Author(s): Vishnuprasad Vaishnav
Publisher: Shanti Prakashan
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१९५. वही, ५/११९ १९६. वही, ५/१२०-१२१ १९७. वही, ५/१२३ १९८. वही, ५/१२४-१२५ १९९. वही, ५/१२७-१२९ २००. वही, ५/१२९-१३० २०१. त्रिशपुच. पर्व ७-५/१३३-१३६ २०२. वही, ५/१३७ २०३. वही, ५/१३८-१३९ २०४. सोऽवोचदिवस्मितं रामं स्वामी त्वमतिथिश्च मे। २०५. वही, ५/१४०-१४१ २०६. वही, ५/१५२-१५४ २०७. वही, ५/१५५-१६१ २०८. दत्त रामाय हारनाम्ना स्वयं प्रभमं। वही - /१६५ २०९. सौमित्रये च ताडष्के। दिव्यरत्नविनिर्मिते ॥
वही, १६६ २१०. वही, ५/१८८-१७१ २११. वही, ५/१७३-१८१ २१२. त्रिशपुच पर्व ७ - ५/१८२ २१३. वही, ५/१८३-१८४ २१४. वही, ५/१८५-१८९ २१५. वही, ५/१९२-१९३ २१६. वही, ५/१५७-१५८ २१७. वही, ५/११९ २१८. वही, ५/२०५ २१९. वही, ५/२०६-२०७ २२०. वही, ५/२०९-२१० २२१. वही, ५/२१६ २२२. वही, ५/२१८ २२३. वही, ५/२२३-२२५ २२४. वही, ५/२२६-२२७ २२५. वही, ५/२२८-२३० २२६. वही, ५/२३३-२४० २२७. वही, '५/२४१ २२८. त्रिशपुच. पर्व ७ - ५/२४२-२४५
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