Book Title: Jain Ramayan
Author(s): Vishnuprasad Vaishnav
Publisher: Shanti Prakashan

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Page 213
________________ पुनर्व्याख्यायित ही नहीं करते, वरन् भारत की बहुमुखी विविधता की बुनियाद में स्थित अखंडता को आलोकित भी करते हैं। लेखक डॉ. मुसलगांवकर नेमिचंद शास्त्री फूलचन्द पान्डेय संत तुलसी साहब पं. सुखलाल नाथूराम प्रेमी डॉ. हरीश शुक्ल संदर्भ ग्रंथ सूची हिन्दी ग्रंथ सं. नाम ग्रंथ हिन्दी ग्रंथ १. आचार्य हेमचंद्र २. आचार्य हेमचंद्र और उनका शब्दानुशासन ३. काव्य दर्शन ४. घट रामायण ५. जैन धर्म का प्राण ६. जैन साहित्य का इतिहास जैन गुर्जर कवियों की हिन्दी साहित्य को देन ८. जैनाचार्य रविणेशकृत पद्मपुराण और . तुलसीकृत मानस ९. तुलसी पूर्व राम साहित्य १०. दर्शन व चिंतन ११. न्याय सिद्धांत मंजरी १२. भारतीय दर्शन की रुप-रेखा १३. भारतीय दर्शन की भूमिका १४. संस्कृत साहित्य का इतिहास १५. संस्कृत के चार अध्याय १६. हिन्दी साहित्य का इतिहास १७. हिन्दी साहित्यका इतिहास १८. हिन्दी साहित्य का इतिहास १९. हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास २०. हिन्दी भाषा की रुचि २१. हेमचंद्राचार्य का जीवन चरित २२. हेमचंद्राचार्य २३. हिन्दी जैन भक्तकवि और काव्य डॉ. रमाकांत शुक्ल डॉ. अमरपाल सिंह पं. सुखलाल संघवी जयकृष्णदास पं. बलदेवप्रसाद मिश्र आ. बलदेव उपाध्याय पुष्करदेव शर्मा दिनकर रामनाथ शर्मा डॉ. शुक्ल डॉ. नगेन्द्र जॉर्ज ग्रियर्सन डॉ. रामकुमार वर्मा कस्तूरमल बांढिया ईश्वरलाल जैन डॉ. प्रेमसागर जैन संस्कृत ग्रंथ २४. अभिध्यान चिंतामणि हेमचंद्र 212

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