Book Title: Jain Ramayan
Author(s): Vishnuprasad Vaishnav
Publisher: Shanti Prakashan

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Page 151
________________ ११. मय-परिवार वर्णन 126 १२. रावण-गजारुढ वर्णन ।27 १३. बालि-वर्णन 128 १४. बालि-मुनि वर्णन 129 १५. रावण का अष्टापदगिरी उठाने का वर्णन 10 १६. नारद वर्णन 131 १७. सुमित्र-प्रभाव राजा वर्णन 132 १८. रावण-मृत्यु कारण वर्णन 15 १९. हनुमान - नामकरण-बाल्यावस्था वर्णन : २०. पवनंजय द्वारा अंजना-खोज वर्णन 135 २१. दशरथ-गुण वर्णन 136 २२. दशरथ-विवाह वर्णन 137 २३. भामंडल जन्म-बाल्यकाल वर्णन 138 २४. म्लेच्छों द्वारा धर्मनाश का वर्णन 139 २५. नारद सौंदर्य वर्णन 140 २६. राम-लक्ष्मण का वज्रावर्त-अर्णवावर्त धनुभंग 142 २७. वन में भरत-राज्याभिषेक वर्णन 143 २८. लक्ष्मण को तीन सौ साठ कन्या देने का वर्णन 144 २९. लक्ष्मण द्वारा म्लच्छों को हराने का वर्णन 45 ३०. कपिल ब्राह्मण द्वारा राम का तिरस्कार करने का वर्णन ३१. लक्ष्मण का शत्रुदमन की शक्तियों के सहन करने का वर्णन 147 ३२. शंबूक द्वारा सूर्यहास खडूग की साधना व उसकी मृत्यु वर्णन 145 ३३. रावण द्वारा सीताहरण वर्णन 149 ३४. लक्ष्मण द्वारा कोटिशिला उठाने का वर्णन 150 ३५. हनुमान का आकाश मार्ग से लंका गमन वर्णन 151 ३६. रावण पराक्रम वर्णन 152 ३७. राम द्वारा विभीषणादि को राज्य बाँटने का वर्णन :: ३८. लवणांकुश जन्म एवं बाल्यकाल वर्णन ३९. लवणांकुश के वंश का नारद द्वारा परिचय का वर्णन ' ४०. लवणांकुश विवाह वर्णन 157 ४१. राममुनि की तपस्या का वर्णन 158 ६. सम्भोग - जल क्रीड़ा, उत्सव, आमोद-प्रमोदादि वर्णन : १. तडित्केश का सुन्दरियों के साथ उपवन-क्रीड़ा वर्णन । २. चित्रसुन्दरी का इंद्र से संभोग की इच्छा का वर्णन . ३. रत्नश्रवा कैकेसी विवाह वर्णन 161 150

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