Book Title: Jain Ramayan
Author(s): Vishnuprasad Vaishnav
Publisher: Shanti Prakashan

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Page 198
________________ 132 भाँगूँगा' रावण युद्धभूमि में आया। उस दिन राम-रावण का अतिभयंकर युद्ध हुआ। लक्ष्मण रावण पर एक के बाद एक बाण छोड़ने लगा। भयातुर रावण ने विद्या से अपने अनेक रूप युद्ध भूमि में उपस्थित कर दिए। ' गरुड़ पर आरूढ हो चक्र लक्ष्मण पर फेंका ! चक्र ने लक्ष्मण की प्रदक्षिणा की तथा उनके हाथ में स्थिर हो गया। यह देख रावण अति चिंतित हो गया । विभिषण ने जब रावण की ऐसी दशा देखी तो पुनः वह उसे समझाने लगा । इधर लक्ष्मण ने उसी चक्र से रावण की छाती को चीर दिया! 133 ज्येष्ठ मास की कृष्णा एकादशी को रावण मृत्यु को प्राप्त कर चौथे नरक में चला गया। रावण की मृत्यु एवं राम की विजय के उल्लास में वानर सेना नृत्य करने लगी। . इस तरह रामकथा का केन्द्रीय भाव " राम द्वारा रावण का संहार (जैनाचार्यो) ने बदल दिया एवं रावण को लक्ष्मण के हाथों नरक में भिजवाया है। " 11130 (११) राम का सीता समेत रावण के महलों में छः माह तक निवास करना : रावण वध के पश्चात् राम ने सीता को प्राप्त कर लक्ष्मण, अंगद, विभीषण, सुग्रीवादि समस्त कपियों के साथ लंका में प्रवेश किया। 135 फिर भुवनालंकार हाथी पर आरूढ़ हो राम रावण के निवास पर पहुँचे । विभीषण की प्रार्थना पर उसके घर जाकर राम ने देवपूजा, स्नान व भोजनादि क्रियाएं कीं। 136 पुन: रावण के निवास पर जाकर सिंहोदर आदि की कन्याओं के साथ विधिपूर्वक विवाह किए, जो कन्याएँ राम व लक्ष्मण को पूर्व में दी जा चुकी थीं। 137 इस प्रकार विवाहादि के पश्चात् राम ने रावण के महलों का छः माह तक सुखोपभोग किया। यह प्रसंग जैन रामायण की नव-कल्पना है क्योंकि अजैन परंपरा में रावण वध के पश्चात् राम सीता की अग्रि परीक्षा लंका में ही लेते हैं । 1384 " एवं शीघ्र ही अयोध्या के लिए प्रस्थान कर देते हैं। 139 2 (१२) अयोध्या आगमन पर प्रथम लक्ष्मण का राज्याभिषेक : छ: माह तक लंका में रहने के बाद राम अनुचरों सहित अयोध्या पहुँचे। 140 आनंदोत्सव की समाप्ति पर भरत ने राम को राज्यग्रहण करने का निवेदन किया । 141 वैराग्य उत्पन्न भरत ने एक हजार साधुओं के साथ दीक्षा ग्रहण की। 142 अब नगरजनों, विद्याधरों आदि ने राम को राज्यभिषेक के लिए निवेदन किया। 143 तब राम बोले- तुम प्रथम इस वासुदेव लक्ष्मण का राज्याभिषेक करो । उन सब ने राम की आज्ञा से पालनार्थ ऐसा ही किया। फिर बलदेव राम का भी राज्याभिषेक किया। राम एवं लक्ष्मण – आठवें बलदेव एवं वासुदेव दोनों अयोध्या का राज्य करने लगे। 145 144 निश्चित रूप से अयोध्या जाकर प्रथम लक्ष्मण का राज्याभिषेक जैन रामकथाकारों की अपनी मौलिक कल्पना है । 197

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