Book Title: Jain Maru Gurjar Kavi Aur Unki Rachnaye
Author(s): Agarchand Nahta,
Publisher: Abhay Jain Granthalay
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१६५ श्री कीति रत्न सूरि चउपई १६६ विनयचूलागणिनी १६६ हेमरत्नसूरि फागु १६७ अज्ञात
१६७ अमररत्नसूरि फागु १६८ सेवक १६८ शालिभद्र फागु
१२१ १६६ लखमसीह
१६६ शालिभद्र चौपई १७० देपाल २०० कायावेड़ी सझाय
१२४ १७१ जयानंद
२०१ ढोला मारू की वार्ता दोहाबद्ध । १२४ १७२ धनसार
२०२ उपकेश गच्छ ऊएसागस १७३ कीरति
२०३ श्राराम शोभारास १७४ लब्धिसागर सूरि २०४ वीशी १७५ कोल्हि
२०५ कंकसेन राजा चौपई १७६ पद्ममंदिर
२०६ गुणरत्नसूरि विवाहलउ
२०७ श्री देवतिलेकोपाध्याय चौपाई १७७ क्षेमराज
२०८ फलवर्धी पार्श्वनाथ रास १७८ अज्ञात २०६ प्रभव जबूस्वामि वेलि
१३२ १७६ जयवल्लभ
२१० नेमिपरमानंद वेलि १८० कनक
२११ वल्कल चीर ऋषि वेलि १३३ १८१ सालिग
२१२ बलभद्र वेलि १८२ अज्ञात
२१३ हेमविमलसूरि विवाहलउ १३५ २१४ हेमविमलसूरि फाग।
१३५ १८३ विनयरतन २१५ सुभद्रा चौपई
१३६ १८४ हेमध्वज २१६ जैसलमेर चैत्य परिपाटी
१३७ १८५ अज्ञात
२१७ परनिंदा चौपाई १८६ भक्तिलाभ २१८ श्री जिनहंससूरि गुरु० १८७ भावसागरसूरि शिष्य २१६ चैत्य परिपाटी
१४० १८८ विनय अज्ञात २२० महावीर २७ भवस्तवन
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