Book Title: Jain Ling Nirnay
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Page 5
________________ (17) वार मुकर्रर करके इसका नियम किया जाय जिसके बमुजिब हमारा लेख है इसके बमुजिब प्रतिपक्षी भी लिखकर हमको दे इसमें जोकोई देरी करेगा वह श्री सिंह के बाहर जिन धर्म से विमुख चौबीस भगवान का नहीं माननेवाला है जब प्रतिपक्षी इस बात को अंगिकार करेगा तब अपने हायसे और भी लिख देंगे // इति // सम्बत 1655 कार्तिक शक्कर) / द चिदानन्दजीका मुकाम जीरन जि नीमच र बकलम नाथूराम वैरागी मुकाम जीरन जिम्नीमच.

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