Book Title: Jain Ling Nirnay Author(s): Publisher: View full book textPage 3
________________ (12) सर्व साजन पुरुषों को सुनाया इसमें जो कुछ शुद्ध अशुद्ध होय तो सर्व सज्जन पुरुष नाथूराम वैरागी घरबारी बडे मंदिर जीका कारवारी तितको माफ करें इस भुमिका और ग्रंथ को पक्षपात छोड़कर बुद्धि पूर्वक विचार करो शुद्ध जिन धर्म को अंगीकार करो जिससे संसार समुद्र को तरो। अलंविस्तरेण॥ आपका कृपाभिलाषी नाथूराम वैरागी बडा मन्दिर जीरण-जिला नीमच // पPage Navigation
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