Book Title: Jain Dharm Darshan Part 06
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust

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Page 49
________________ तो उसे कुछ वाक्य बोलकर ही समझाया जा सकता है। 5. आगम - आप्त पुरूषों के वचनों द्वारा जो ज्ञान प्राप्त किया जाता है, वह आगम प्रमाण आगम के तीन प्रकार है - a) सूत्रागम, b) अर्थागम और c) तदुभयागम a) सूत्रागम - तीर्थंकरों की वाणी को जो गणधरादि सूत्र रूप में गूंथते हैं उसे सूत्रागम कहते हैं । जैसे आचारांगादि b) अर्थागम - सर्वज्ञ भगवान का जो अर्थ रूप उपदेश होता है वह अर्थागम है। c) तदुभयागम - सूत्र और अर्थ दोनों रूपों में जो ज्ञान होता है वह तदुभयागम है। . इस प्रकार प्रमाण के द्वारा पदार्थो का यथार्थ ज्ञान होने से मनुष्य मिथ्यात्व से सम्यक्त्व की ओर अभिमुख होता हुआ मोक्षमार्ग में प्रवृत्त होता है। SO Frive

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