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ज्ञाताधर्म
कथाङ्गम्.
टमल्लीज्ञाते मल्लीजिनपूर्वभवः सू.६४
॥१२२॥
ब्बलपामोक्खा सत्त अणगारा खुड्डागं सीहनिक्कीलियं तवोकम्मं उवसंपज्जित्ताणं बिहरंति, तं०-चउत्थं करेंति २ सबकामगुणियं पारेति २ छटुं करेंति २ चउत्थं करेंति २ अट्टम करेंति २ छटुं करेंति २ दसमं करेंति २ अट्ठमं करेंति २ दुवालसमं करेंति २ दसमं करेंति २ चाउद्दसमं करेंति २ दुवालसमं करेंति २ सोलसमं करेंति २ चोद्दसमं करेंति २ अट्ठारसमं करेंति २ सोलसमं करेंति २ वीसइमं करेंति २ अट्ठारसमं करेंति २ वीसइमं करेंति २ सोलसमं करेंति २ अट्ठारसमं करेंति २ चोद्दसमं करेंति २ सोलसमं करेंति २ दुवालसमं करेंति २ चाउद्दसमं करेंति २ दसमं करेंति २ दुवालसमं करेंति २ अट्ठमं करेंति २ दसमं करेंति २ छटुं करेंति २ अट्ठमं करेंति २ चउत्थं करेंति २ छ8 करेंति २ चउ० क० सवत्थ सबकामगुणिएणं पारेंति, एवं खलु एसा खुडागसीहनिक्कीलियस्स तवोकम्मस्स पढमा परिवाडी छहिं मासेहिं सत्तहि य अहोरत्तेहि य अहासुत्ता जाव आराहिया भवइ, तयाणंतरं दोचाए परिवाडीए चउत्थं करेंति नवरं विगइवजं पारेंति, एवं तच्चावि परिवाडी नवरं पारणए अलेवाडं पारेंति, एवं चउस्थावि परिवाडी नवरं पारणए आयंबिलेण पारेति, तए णं ते महब्बलपामोक्खा सत्त अणगारा खुड्डागं सीहनिक्कीलियं तवोकम्मं दोहिं संवच्छरेहिं अट्ठावीसाए अहोरत्तेहिं अहामुत्तं जाव आणाए आराहेत्ता जेणेव थेरे भगवंते तेणेव उवागच्छंति २ थेरे भगवंते वंदंति नमसंति २ एवं वयासी-इच्छामो णं भंते। महालयं सीहनिक्कीलियं तहेव जहा खुड्डागं नवरं चोत्तीसइमाओ नियत्तए एगाए परिवाडीए कालो
॥१२॥
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