Book Title: Gnatadharmkathangasutram
Author(s): Abhaydevsuri,
Publisher: Agamoday Samiti
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विदितजा होत्या, बहुणगराणहवच जा
वेसाघरेसु य पाणघरएसु य सुहंसुहेणं परिवड्डति, तते णं से चिलाए दासचेडे अणोहदिए अणिवारिए सच्छंदमई सइरप्पयारी मज्जपसंगी चोजपसंगी मंसपसंगी जूयप्पसंगी वेसापसंगी परदारप्पसंगी जाए यावि होत्था, तते णं रायगिहस्स नगरस्स अदूरसामंते दाहिणपुरथिमे दिसिभाए सीहगुहा नाम चोरपल्ली होत्था विसमगिरिकडगकोडंबसंनिविट्ठा वंसीकलंकपागारपरिक्खित्ता छिण्णसेलविसमप्पवायफरिहोवगूढा एगदुवारा अणेगखंडी विदितजणणिग्गमपवेसा अभितरपाणिया सुदुल्लभजलपरंता सुबहुस्सवि कूवियबलस्स आगयस्स दुप्पहंसा यावि होत्था, तत्थ णं सीहगुहाए चोरपल्लीए विजए णामं चोरसेणावती परिवसति अहम्मिए जाव अधम्मे केऊ समुहिए बहुणगरणिग्गयजसे सूरे दढप्पहारी साहसीए सद्दवेही, से णं तत्थ सीहगुहाए चोरपल्लीए पंचण्हं चोरसयाणं आहेवचं जाव विहरति, तते णं से विजए तक्करे चोरसेणावती बहणं चोराण य पारदारियाण य गंठिभेयगाण य संधिच्छेयगाण य खत्त. खणगाण य रायावगारीण य अणधारगाण य बालघायगाण य वीसंभघायगाण य जूयकाराण य खंडरक्खाण य अन्नेसिं च बहणं छिन्नभिन्नवहिराहयाणं कुडंगे यावि होत्था, तते णं से विजए तक्करे चोरसेणावती रायगिहस्स दाहिणपुरच्छिमं जणवयं बहहिं गामघाएहि य नगरघाएहि य गोग्गहणेहि य बंदिग्गहणेहि य पंथकुट्टणेहि य खत्तखणणेहि य उवीलेमाणे २ विद्धंसेमाणे २ णित्थाणं णिद्धणं करेमाणे विहरति, तते णं से चिलाए दासचेडे रायगिहे बहहिं अस्थाभिसंकीहि य चोजाभिसंकीहि य दाराभिसंकीहि य धणि
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