Book Title: Dharmpariksha Kathanakam Author(s): Saubhagyasagar Gani, Rangvimal Gani Publisher: Muktivimal Jain Granthmala View full book textPage 5
________________ gamayanayanent आभारप्रदर्शन waterayer Prod°0, 3000000000000000000000000 । प्राभ Cooreed*000000000000000000@ G ०:09 DADA.CO.NOORD-9000 आ धर्मपरीक्षा कथानकनो ग्रन्थ प्रकाशन करवामां खुडालानिवासी शेठ पृथ्वीराज, भभूतमल, ओटरमल, हजारमिलजी तरफथी रु. ३००) त्रणसो ने मालवाडानिवासी स्वर्गस्थशेठ उमाजी ओखाजी ते शा. मनुभाई मूलचंद ने शा. मगनलाल चीमनलाल तरफथी रु. ३००) त्रणसोनी मदद मली छे ते बन्ने सद्गृहस्थोनी आर्थिक सहाय्यथी आ ग्रंथ प्रकाशित करवामां सफल थया छीए. उपरोक्त बन्ने सद्गृहस्थो स्वोपार्जन करेली लक्ष्मीनो हमेशां आवं साहित्य प्रकाशित करवामां व्यय करे एज इच्छा ॥ ॐ शान्तिः ३ । Dekno@GOOGOOGGODonlo DEMOCKGROCO DEODODENDEGDOGIDOSODEDOOGOODon: 00Page Navigation
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