Book Title: Bruhatkalp Sutram Pithika Part 01
Author(s): Sheelchandrasuri, Rupendrakumar Pagariya
Publisher: Prakrit Granth Parishad

View full book text
Previous | Next

Page 193
________________ 172 बृहत्कल्पचूर्णिः // [पीठिका साधारण आवलिया, मज्झम्मि अबद्धचंदकप्पाणं / अद्धं च परक्खित्ते, तेसिं अद्धं च सक्खित्ते // 676 // "पुव्वावर०" गाधा / जा इमा लोगस्स मज्झे मंदरस्स पव्वयस्स उप्पि सेढी एगपएसा ताए लोगो दुधा कतो / दाहिणटुं च उत्तरद्धं च / तत्थ दाहिणड्डस्स सक्को वसायति / उत्तरड्डस्स ईसाणो / ताए मज्झिमसेढीए जा विमाणावलिता ठिता सा तेसिं दुण्ह वि देविंदाणं साधारणा / मज्झम्मि अबड्डचंदकप्पाणं ति, या मध्ये स्थिता अर्द्धचन्द्राकृतयो: कल्पयोः सौधर्मेशानयोरित्यर्थः, सा साधारणा / कथं ? जे वट्टविमाणा ता एते सक्कस्स, तंस-चउरंसाणं २एगंतरं ईसाणस्स / ते य जे ताए आवलियाए विमाणा तेसिं अद्धं सखेत्ते पतिट्ठियं, अद्धं परखेत्ते / तत्थ सेढीए दाहिणेणं, जा लोगो उड्डमो सकविमाणा। हेट्ठा वि य लोगंतो, खित्तं सोहम्मरायस्स // 677 // "सेढीए०" गाधा / कंठा / एतस्स सव्वस्स सक्को पभवति / एस देविंदोग्गहो / इदाणि राओग्गहो सरगोयरो अ तिरियं, बावत्तरि जोयणाइँ उठें तु / अहलोगगाम-अघमाइ हेटुओ चक्किणो खित्तं // 678 // "सरगोयरो०" गाधा / तिरियं जाव चक्कवट्टिस्स सरो वच्चति मागहादिसु / उढे जाव सरो चेव चुल्लहिमवंतकुमारस्स मेराए वच्चति चउसट्ठी जोयणाणि, सुत्तादेसेण वा बावत्तरि / अधे जाव अधोलोइया गामा, अधवा अघ त्ति अघा णाम गड्डाओ / आदिशब्दाद् अगडादयः एवतियस्स खेत्तस्स चक्कवट्टी श्वसयति / राओग्गहो गतो / इदाणिं गाधावतिउग्गहोगहवइणो आहारो, चउद्दिसिं सारियस्स घरवगडा। हेट्ठा अघाऽगडाई, उर्दु गिरि-गेह धय-रुक्खा // 679 // "५गाधावतिणो०" गाधा / आधारो णाम विसओ जत्तिओ जस्स स गहवतिउग्गहो उक्कोसओ / सागारियस्स घरवगड त्ति / सागारियउग्गहो उक्कोसतो जाव घरस्स वगडा / वगडा णाम पलिहतं वतिपरिक्खेव इत्यनान्तरं / एस ताव तिरियं भणितो / इदाणि दोण्ह वि अधे उड्डे च भणति / हेठ्ठा अघागडादि / अघा गड्डा दहो वा, अगडो 1. वसयति पू० 2 / 2. एगतरं पू० 1-2, पा० विना / 3. वसायति पू० 1, पा० / 4-5. गहवति० पू० 2 /

Loading...

Page Navigation
1 ... 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250