Book Title: Bruhatkalp Sutram Pithika Part 01
Author(s): Sheelchandrasuri, Rupendrakumar Pagariya
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 232
________________ बहत्कल्पसूत्र-चूर्णि-पीठिकाविभागसत्क-गाथानां अनुक्रमणिका 211 60 218 62 766 195 143 146 556 101 219 62 769 559 568 365 553 650 631 542 642 666 752 142 166 162 139 565 363 550 647 628 539 639 663 749 713 107 164 716 108 एमेव अधाउं उज्झि० एमेव असंता विउ एमेव उवहि सेज्जा एमेव कइयवा ते एमेव गिलाणे वी एमेव गोणि भेरी एमेव चारण भडे एमेव मज्जणाई एमेव मामगस्स वि एमेव य पिहियम्मी एमेव य पुरिसाण वि एमेव य संसटुं एमेव लेवगहणं एयं दुवालसविहं एवं अप्पडिवडिए एवं खओवसमिए एवं खु थूलबुद्धी एवं गहवइसागा० एवं तु अणंतेहिं एवं तु गविढेसुं एवं पि अलब्भंते एवं पि भाणभेदो एवं पि हु उवघातो एवं पुच्छासुद्धे एवं मणविसप्तीणं एवं लेवग्गहणं एवं संसारीणं एवमेग तूभयतो वी एसुस्सग्गठियप्पा एसेव य दिटुंतो एहि भणिओ उ वुच्चइ 87 227 686 71 651 226 683 70 648 166 620 617 488 490 646 159 127 128 165 484 487 643 85 134 519 105 516 104 - 248 194 249 24 81 82 ওওও 774 660 ओभासणा य पुच्छा ओमंथपाणमाई ओहविभागुद्देसे ओहि मणपज्जवे या 168 170 137 668 537 665 534 30 12

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