Book Title: Ayurved sutram
Author(s): Yoganandnatha, R Shama Shastry
Publisher: Government of Mysore

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Page 316
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दशमः प्रश्नः 281 स्थौणेयः तिक्तरस शोभकासहिकावम्यरोचकाहध्मा विनाशनः । दीर्घायुस्स्वादुरसः रक्तपित्तानिलविनाशकः । जीवकं कटुरसं चक्षुष्यं सर्वरोगजित् । माषा स्वादुरसा रक्तपित्तहरा कफशुक्लकारिका। वृष्यवल्ली स्वादुरसा बल्या वृष्या समीरजित् । यष्टिः स्वादुरसा छदि विषमपित्तपवनापहा । इक्षु स्स्वादुरसः श्वासकासपवनासक्पितरसहरा रसायनी। गोपा स्वादुरसा वातपित्तातिसारनी। कर्णिका स्वादुरसा लघुज्वरश्वासकासादिदाह जित् । ५३ वाकूची स्वादुरसा कुष्ठवातज्वरविनाशिनी। मदनस्तिक्तरसः क्षयगुल्मप्रमेहकारकः । वंशस्तिक्तरस: कफविषहरो वर्थः । त्रपुस स्वादुरसं वातासृपित्तमूत्रकृच्छविकारनुत् ५७ कोशातकी स्वादुरसा वातपित्तगुल्मप्रमेहहारिका। ५८ वन्ध्या कषायरसा पाण्डुशोभोदगःकफपित्तातिसार जितु सरा। धात्री ' कषायरसा कफपित्तहरा वृष्या। विद्रुमः तिक्तरसः नेत्रकण्ठरोगनः केशवृद्धिकरो लघुः ६१ स्थौण:---A.&.C. देवक-A. धन-C. 3 विक्षः-A.&.B. निक्षः---C. कासविदाह-A.&.C. 5 दाहाची-B. वारुजिः-C. I.C. कोशयोस्त्यक्तमिदं पदद्वयम्. 7 वृष्य: स्थिरा ---B. 9 रात्रि:-A &.C. 10 कतिद्रुमः--A.&.C. AYURVEDA 36 For Private And Personal Use Only

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