Book Title: Apradh Kshan Bhar Ka Author(s): Yogesh Jain Publisher: Mukti Comics View full book textPage 6
________________ मुक्ति कामिक्स और वह राजा को निकाल कर अपनी झोपड़ी की और ले चला झोपड़ी में लिटाकर राजा की बेहोशी दूर करने का यत्न करने लगा। थोडी देर बाद राजा को होश आया । अरे तुम मैं यहाँ कहाँ हँ ? कौन हो मैं भीलों का राजा यमदंड हूँ, आप मेरे जंगल में हैं। तो राजा ने सारी घटना सुनाते हुए अपना परिचय दिया मैं यह तो जानता था कि सोमशर्मा दुष्ट है,धोखेबाज है,परन्तु घोड़ा भी दुष्ट होगा...? ठीक है राजन् ! आखिर जानवर ही तो है, जिसकी खाता है, उसकी निभाता है।Page Navigation
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