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अपराध क्षण भर का
पिता की आज्ञा से 'अभय' जैन श्रेष्ठियों को तैयार करके चेटक जा पहुँचा और सावधानीपूर्वक जैन होने का नाटक करते हुए पूजा पाठ करने लगा...
हम जौहरी बच्चे हैं और अनेक
देशों में घूमते हुए
यहाँ आये हैं। यहाँ कुछ दिन ठहरना चाहते हैं।
राज कन्याएँ प्रतिदिन इनकी पूजन भक्ति देखकर अत्यधिक प्रभावित हुईं, एक दिन...
आप धन्य हैं। आप जैसा भक्त,
इनके बहुत धर्मात्मा होने की खबर राजा चेटक तक भी पहुँची। तभी अभय वहाँ पहुँचा ।
ज्ञानवान व रूपवान हमने आज तक नहीं देखा...
आपका देश कौनसा है व वहाँ के राजा कौन है ?
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हाँ, हाँ ! क्यों नहीं आप तो सज्जन हैं, हमारे ही महल में ठहरें ।
हम मगध
देश के जैनधर्म भक्त, रूपवान, गुणवान राजा श्रेणिक की प्रजा हैं।