Book Title: Apradh Kshan Bhar Ka Author(s): Yogesh Jain Publisher: Mukti Comics View full book textPage 34
________________ मुक्ति कामिक्स पिता की मृत्यु देखकर कुणिक के तो होश ही उड़ गये। चेलना बेहोश हो गई। सम्पूर्ण देश में हा-हाकार मच गया। आह ! अपराधी मैं क्षणभर का अपराधिनी मैं... क्षणभर... और फिर इस असार संसार का स्वरूप पहिचान कर भवभोगों से सर्वथा उदासीन होकर चेलना रानी ने चंदना नाम की आर्यिका से दीक्षा ले ली।Page Navigation
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