Book Title: Apradh Kshan Bhar Ka Author(s): Yogesh Jain Publisher: Mukti Comics View full book textPage 8
________________ मुक्ति कामिक्स (परन्तु क्या ?/ निःसंकोच) कहो आपके तो बहुत-सी रानियाँ हैं, मेरी पुत्री तो दासी मात्र बनकर रह जावेगी। उसकी संतान भी ऐसी ही रहेगी... भीलराज ने अपनी पत्नी व पत्री से सहमति माँगी। नहीं ! नहीं! हम उसे पटरानी बनायेंगे। और उसका पुत्र राज्य का उत्तराधिकारी होगा जैसा आप ठीक समझें... शुभमुहूर्त में भीलराज यमदंड की पुत्री तिलकवती की शादी सानन्द सम्पन्न हई। उसके बाद राजा ने अपने राज्य को प्रस्थान किया।Page Navigation
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