Book Title: Apradh Kshan Bhar Ka Author(s): Yogesh Jain Publisher: Mukti Comics View full book textPage 9
________________ अपराध क्षण भर का राजा के आगमन का समाचार सुनकर राज्य में खुशी छा गई। राजा अपने राज्य लौटकर राजकाज देखते हुए पटरानी तिलकवती के साथ जीवन-यापन कर रहा था कि एक दिन.... बधाई हो ! बधाई हो !! राजन! पटरानी साहिबा के पुत्ररत्न 71 हआ है... अच्छा ! चिलाती के जन्म का शुभ समाचार...लो ये.. CHOTI इस तरह काफी दिनों राज्य करते हुए राजा वृद्ध हो गया, उसे चिन्ता काफी सोचकर राजा ने विशेष विद्वानों को बुलाया इसके लिए तो राजकुमारों की बुद्धि परीक्षा करनी चाहिए मैं अब किस पुत्र को राज्य दूं, वचन तो चिलाती को दिया है.... यही उत्तम है।Page Navigation
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