Book Title: Apradh Kshan Bhar Ka
Author(s): Yogesh Jain
Publisher: Mukti Comics

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Page 22
________________ २० श्रेणिक ने दूसरी आज्ञा दी इस हाथी का वजन तौलकर ले आओ नाव पर खड़ा करके जितनी डूब जाए उतने पर निशान लगाओ। गाँव वाले हाथी का वजन बतलाने राजदरबार गये । आश्चर्य है ! मैंने दण्ड देने के इतने बहाने किए परन्तु ये आड़े हाथ नहीं आ रहे। मुक्ताि गाँव वाले फिर उस बालक के पास गये। चिन्तित होने की बात नहीं इसे नदी के किनारे ले चलो। अब इस पर इतने ही निशान तक कंकड़ पत्थर डालकर उन्हें तराजू से तौल लो। असफलता देखकर श्रेणिक बहुत क्रोधित व दुःखी हुआ । उसने पुनः आज्ञा दी। जाओ ! शीघ्र ही बालू की रस्सी बनाकर लाआ वर्ना मृत्युदण्ड...

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