Book Title: Apradh Kshan Bhar Ka Author(s): Yogesh Jain Publisher: Mukti Comics View full book textPage 5
________________ अपराध क्षण भर का यह समाचार सुनकर शहर में भगदड़ मच गई। रानियाँ मूर्च्छित हो गईं और सैनिक घोड़ा पकड़ने के लिए पीछे-पीछे भागे। परन्तु हताश ! सैनिक राजा को खोज न सके तभी एक व्यक्ति वहाँ से गुजरा ये कराहने की आवाज ! आह ! आह go उधर घोड़ा राजा को एक भयानक जंगल में ले गया और गहरे गढ्ढे में गिरा दिया आह ! बचाओ 3 आवाज को सुनकर वह गढ्ढे के पास आया भाई ! तुम कौन हो ? ठहरो! अभी निकालता हूँPage Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36