Book Title: Apradh Kshan Bhar Ka
Author(s): Yogesh Jain
Publisher: Mukti Comics

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Page 4
________________ मुक्ति कामिक्स जाओ इसे श्रेणिक के पिता को बेच दो और तब सोमशर्मा ने बदला लेने के लिए एक चाल चली, एक भयानक खूखार घोड़ा... और सारी योजना समझा दी घोड़ा लेकर व्यापारी श्रेणिक के पिता के दरबार में जा पहुँचा अरे वाह ! यह कोई सामान्य घोड़ा नहीं, अश्वरत्न है अश्वरत्न ऐसा घोड़ा तो घुडसाल में भी नहीं और फिर बिना सोचे समझे राजा ने घोड़े पर बैठकर एड़ लगा दी, घोड़ा जंगल की ओर ले भागा कुछ गड़बड़ लगती है र बिना सही जानकारी के कोई कार्य नहीं करना चाहिये। कहीं कुछ...

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