Book Title: Apbhramsa Bharti 1996 08
Author(s): Kamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Gopichand Patni
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 13
________________ स्वयंभू पुरस्कार दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी (राजस्थान) द्वारा संचालित अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर द्वारा अपभ्रंश साहित्य से सम्बन्धित विषय पर हिन्दी अथवा अंग्रेजी में रचित रचनाओं पर 'स्वयंभू पुरस्कार' दिया जाता है। इस पुरस्कार में 11,001/- (ग्यारह हजार एक) रुपये एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है। __पुरस्कार हेतु नियमावली तथा आवेदन-पत्र प्राप्त करने के लिए अकादमी कार्यालय ( दिगम्बर जैन नसियाँ भट्टारकजी, सवाई रामसिंह रोड, जयपुर-4 ) से पत्र-व्यवहार करें। ___ यह सूचित करते हुए हर्ष है कि वर्ष 95 का 'स्वयंभू पुरस्कार' डॉ. त्रिलोकीनाथ "प्रेमी' (आगरा) को उनकी कृति 'हिन्दी के आदिकालीन रास और रासक काव्यरूप' के लिए महावीर जयन्ती मेले के अवसर पर दिनांक 4.4.96 को श्रीमहावीरजी में प्रदान किया गया।

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