Book Title: Apbhramsa Bharti 1996 08
Author(s): Kamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Gopichand Patni
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
View full book text ________________
60
अपभ्रंश भारती -8
- जिनप्रभ सूरि
अनाथ संधि अनन्त व्रत कथानक अन्जनासुन्दरी कथा अन्तरंग रास अन्तरंग विवाह अन्तरंग संधि
- जिनप्रभ सूरि
जिनप्रभ सूरि रत्नप्रभ सूरि (संवत् 1362 वि.)
आ
- वीर - सिंहसेन (रइधू)
आराधना-सार आदिपुराण (मेघेश्वर चरित) आदिनाथ फाग आत्म-संबोधन
- पुष्पदंत - जिनप्रभ सूरि
उपदेशक कुलक
देवसूरि :
ऋषभजिन-स्तुति
रइधू
कनकामर मुनि - श्री चन्द्र (संवत् 941-946) - जिनदत्त सूरि
ब्राउन द्वारा सम्पादित
करकंडचरिउ करकंडचरिउ कथाकोष (कथाकोश) कलास्वरूप कुलक कालिकाचार्य कथा (अस्थि इहेव जम्बू) (अंशतः अपभ्रंश) कुबलयमाला-कहा (अंशतः अपभ्रंश) कुमारपाल-प्रतिबोध (अंशतः अपभ्रंश)
- उद्योतन सूरि (सं. 835 वि.)
- सोमप्रभ सूरि (संवत् 1241 वि.)
चन्द्रप्रभचरिउ चन्द्रप्रभचरिउ चैत्यपरिपाटी चर्चरी चर्चरी चर्चरी
यश:कीर्ति - दामोदर - जिनप्रभ सूरि - जिनदत्त सूरि
सोलण - जिनप्रभ सूरि
Loading... Page Navigation 1 ... 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94