Book Title: Anuyogdwar Sutra Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak SanghPage 15
________________ क्रं. विषय १. मंगलमय विषय निर्देश . २. पंचविध ज्ञान : स्वरूप ३. पंचविध ज्ञान का क्रम निर्देश ४. ५. ६. अनुयोगद्वार सूत्र विषयानुक्रमणिका पृष्ठ क्रं. विषय १ २०. नो आगम भावावश्यक २ २१. लौकिक भावावश्यक ४ २२. कुप्रावचनिक भावावश्यक ५ २३. लोकोत्तरिक भावावश्यक २४. आवश्यक के एकार्थक शब्द २५. श्रुत के प्रकार २६. नाम श्रुत ८. ७. निक्षेपानुरूप निरूपण नाम आवश्यक ε. स्थापना आवश्यक १०. नाम और स्थापना निक्षेप में अन्तर भेद-विवक्षा अभिधेय सूचन : अनुयोग - विवक्षा १० आवश्यक सूत्र का स्वरूप विश्लेषण ११ १४ १५ २७. स्थापना श्रुत १६ | २८. द्रव्य श्रुत के प्रकार ११. द्रव्यावश्यक १२. आगम-द्रव्यावश्यक १३. नोआगम-ज्ञ - शरीर द्रव्यावश्यक १४. नो आगम-भव्य-शरीर द्रव्यावश्यक १५. ज्ञायक - शरीर भव्य शरीर व्यतिरिक्त द्रव्यावश्यक १६. कुप्रावचनिक द्रव्यावश्यक १७. लोकोत्तरिक द्रव्यावश्यक १८. भावावश्यक १६. आगम भावावश्यक Jain Education International १७ | २६. आगमतः द्रव्य श्रुत १८ ३०. नोआगमतः द्रव्यश्रुत १८ ३१. ज्ञ शरीर द्रव्यश्रुत २२ ३२. भव्यशरीर द्रव्यश्रुत २३ ३३. ज्ञ - शरीर भव्यशरीर-व्यतिरिक्त द्रव्यश्रुत २४ ३४. भावश्रुत २६ ३५. आगमतः भावश्रुत २८ २६ ३० ३६. नो आगमतः भावश्रुत ३७. लौकिक भावश्रुत ३८. लोकोत्तरिक भावश्रुत For Personal & Private Use Only पृष्ठ ३० ३० ३१ ३२ ३३ ३४ ३५ ३५ ३६ ३६ ३७ ३७ ३८ ३८ ४२ ४२ xx xx xx ४२ ४३ ४४ www.jalnelibrary.orgPage Navigation
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