Book Title: Anuyoga Dwar Sutra
Author(s): Aryarakshit, Shivchandra Porwal
Publisher: Ratlam
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ककसित तेजधोकानोर्मक हाथीनी/जाव बलरनी थत्तकसिलस से अथकीलतेनकि एरिकेधन
ध त मेध एलीवाभिन सिाजीवरहसबंधन किसिलावद्ध सोचवयबंधे जयवधेजावउसनर्वघेसेकसिएरवंधे सेकिंतप्रकसिमवे। जेवप्ररेसीयाहिष जावना अनेतप्रदेसायाबंधअयत्तेअकिसिणधजी अथकोणतेन्नने
बरहतएतानसेष्ठकावबंधन साचवरपरसियाइबंधेजावागतपसाएबंधे समसिलवेसेकितअगद सतोरेसनपवितधनास जीवनपरेससहतएवेमिपत्नियशअनेक प्रदेसरहतउरचर शाहिक नरवकेसारिका उपवितसाचताउहरहावयगप्रमुषायधसमवादिनीवातावरेससस्सिपोनिक्षते.
वछत्रातस्माचवदेसमप्रवविएतस्सवेववेसेडचत्तासमाविहरवध कानेकदअधकहिलथनवियसरीरव्य तिरक्तद्रव्यबंध प्रयत्नेनीनपारा अधत्र क्षेत्रव्यधका तसा जाएगसरी
मथकील सतनाशागसीर जावयसरीरवरित्तेवबंधे सतनागमेउववछातेदवावधे कोणतनावषेधवप्रकारेननोवा। मागमूमनोमासमथकी अथकोणतमामयी
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जाववैध सेकितनाववैधाविहेवनातहातमागमय नीनामयासेतियागमनाच नजालमा उपयणमह अथले त्रासमथकीजान करना० नामितक्रियामहतजाहरणमो
वाथकोजावबंधकृालत हपतीउबिगतकयासुधनोमागमकही। रकोजाएउपवउत समागमजाववव सकितानोमागमजावलंधेराशसिंच तसामायकप्रमुबअध्ययनजरायणकुश्तभाए
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समुदायकीमा स०एको नि समतगणनायकहत्तानाततसामायापयननरोशन किमानायनसामायकःशवासमस्तजाव
जर वसामाश्यमाश्याल नेविवेसमोपरिणामने बहायाजासमुदयसमिसमागमती
सामायकसामाश्कमा
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