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अन्तर के पट खोल
तो दो कंबल ओढ़कर भी सहन नहीं कर पाता, किंतु लोगों ने उन्हें तब भी पसीने से तरबतर पाया। उनसे पचास कदम दूर बैठा आदमी भी उनके अंतस्तल में गूँजती हुई ध्वनि को और साँस की तीव्रता का अहसास कर सकता था । यदि एक ही ध्वनि का निरंतर उच्चारण करते चले जाओ, तो ताप ही पैदा होगा।
तानसेन के बारे में हम जानते हैं कि जब वह मल्हार राग छेड़ता था तो जंगल के जानवर उसके पास चले आते थे। आश्चर्य तो यह है कि शेर और हिरण, दोनों एक ही मंच पर आकर उसे सुनने लगते थे। कहते हैं कि तानसेन के दीपक - राग से महल के दीए जल उठते थे । वह ध्वनि की एक सिद्धहस्त पराकाष्ठा है। अभी हाल ही, मास्को में मनोचिकित्सकों का एक सम्मेलन हुआ जिसमें गहरी छानबीन के बाद यह निर्णय लिया गया कि कुछ संगीत ऐसे होते हैं जो व्याधिनिरोधक शक्ति पैदा करते हैं । कुछेक विशिष्ट लोकगीत ऐसे भी होते हैं, जो पशुओं
आरोग्य के लिए लाभदायी सिद्ध हो सकते हैं। मानसिक एकलयता प्राप्त करने में भी संगीत कारगर साबित हुआ है। यह एक चमत्कारी बात है कि यदि आप तनाव में हैं, तो मेरी सलाह होगी कि आप उस समय शांत संगीत का श्रवण करें । उससे आपको आश्चर्यजनक लाभ होगा।
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जापान का योषिहिकोहिटी भी अपनी तीव्र ध्वनि के लिए काफी चर्चित है। कहा जाता है, जब वह अपने मुँह से आवाज निकालता है, तो तीव्र गति से चलने वाली रेलगाड़ी की आवाज भी उसके सामने मंद पड़ जाती है। लोगों का दावा है कि उसकी आवाज रेलगाड़ी की आवाज से भी पंद्रह गुनी जोर की होती है ।
आपने सैनिकों की परेड देखी होगी। सौ सैनिकों के पाँव एक साथ उठते हैं, और एक ही साथ नीचे गिरते हैं। यह जूतों की ध्वनि का अनुशासन है। सौ सैनिकों के पाँवों की एक आवाज तोप के गोले के बराबर कही जाती है।
ध्वनि की उच्चता से तो कानों के पर्दे तक फट सकते हैं तथा आदमी पागल तक हो सकता है; यहाँ तक कि मृत्यु भी हो जाती है। अमेरिका के कई प्रदेशों में इसीलिए पॉप-संगीत बजाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। लोग उसके कैसेट्स सुनने से भी डरने लगे हैं। पॉप सैकड़ों लोगों की मृत्यु का कारण बना है। मोजल्डर्ट के संगीतों में एक संगीत है 'नाइन्थ सिंफोनी' | उस पर भी रोक लगा दी गई है। वस्तुतः ध्वनि में ऊर्जा की एक विशेष संभावना है। योग- मनीषा के 'अनुसार तो ध्वनि प्रणव है, और प्रणव ईश्वर का वाचक है। ध्वनि शाब्दिक है, और अशाब्दिक
भी।
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सबद सबद बहु अंतरा, सार सबद चित देय । जो सबदे साहब मिलै, सोई सबद गहि लेय ॥
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