Book Title: Antar ke Pat Khol
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 151
________________ जागसा महावार से जान्दा INU || televantaves घरको कैसे स्वगबनाए प्रवचन धर्म में प्रवेश : श्री चन्द्रप्रभ नित्य नये पंथों और उपासना-पद्धतियों के बीच धर्म के स्वच्छ मौलिक स्वरूप का निर्देशन। नई पीढ़ी के लोग अवश्य पढ़ें। पृष्ठ : 96, मूल्य 25/जागे सो महावीर : श्री चन्द्रप्रभ भगवान महावीर के विशिष्ट सूत्रों पर अमृत प्रवचन । अन्तर्मन में अध्यात्म की रोशनी पहुंचाता प्रकाश-स्तम्भ। ज्ञानवर्धन एवं मार्गदर्शन के लिए महावीर पर नई दृष्टि। पृष्ठ 252,मूल्य 25/जीवन, जगत और अध्यात्म : श्री ललितप्रभ सागर महोपाध्याय श्री ललितप्रभ सागर जी के विशिष्ट प्रवचनों का संग्रह । जीवन, जगत, अध्यात्म और मोक्ष पर पावन मार्गदशन प्रदान करने वाली पुस्तक। पृष्ठ 168,मूल्य 30/घर को कैसे स्वर्ग बनाएँ : श्री ललितप्रभ, श्री चन्द्रप्रभ इस पुस्तक में है पूज्य श्री चन्द्रप्रभ का लोकप्रिय प्रवचन 'माँ की ममता हमें पुकारे' और पूज्य श्री ललितप्रभ का चर्चित प्रवचन परिवार की खुशहाली का राज़' ।घर-घर में पठनीय। पृष्ठ 168,मूल्य 10/सहज मिले अविनाशी : श्री चन्द्रप्रभ योग के कुछ महत्वपूर्ण सूत्रों के प्रसंग में दिए गए बेहतरीन एवं अनमोल प्रवचन। पृष्ठ : 100, मूल्य 25/आपकी सफलता आपके हाथ : श्री चन्द्रप्रभ सफलता हर किसी को चाहिए, पर उसे पाएँ कैसे, पढ़िये इस प्यारी पुस्तक को। पृष्ठ 110, मूल्य 25/शांति, सिद्धि और मुक्ति पाने का सरल रास्ता : श्री चन्द्रप्रभ अध्यात्म की सहज-सर्वोच्च स्थिति तक पहुंचाने वाला एक अभिनव ग्रन्थ । पृष्ठ : 200, मूल्य 30/ध्यानयोग : विधि और वचन : ललितप्रभ सागर ध्यान योग की वास्तविक समझ पाने के लिए विशेष उपयोगी साथ ही ध्यान-योग की विस्तृत विधि।पुस्तक महल दिल्ली से भी प्रकाशित। पृष्ठ : 148, मूल्य 30/ आपकीसफलता आपका शांति, सिद्धि और मुक्ति पाने ध्यानयोग विधि और वचन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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