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अन्तर के पट खोल
अस्वस्थ है, तो शरीर की स्वस्थता अपने-आप निढाल हो जाएगी। एक स्वस्थ शरीर की परिकल्पना के लिए मन की स्वस्थता अनिवार्य है। व्यक्ति को मानसिक बीमारियों से मुक्त करने के लिए मन का अध्ययन करना आवश्यक है। मन की नब्ज़ पकड़ने के लिए स्वप्न से बढ़िया अन्य कोई अचूक साधन नहीं है। स्वप्न मन की ही अभिव्यक्ति है। मन की इस समय क्या स्थिति है, उसके अंतर्भाव क्या हैं, यह जानने के लिए हम यह देखें कि हम स्वप्न में क्या देख रहे हैं।
कहते हैं, मन से बुरा न सोचा जाए। किसी को चाँटा लगाना गलत है, परंतु यही नहीं, मन में चाँटा लगाने का भाव लाना भी गलत है। मैं तो यों कहूँगा कि स्वप्न में भी किसी को चाँटा लगाना, अपराध का बीज बोना है। यदि स्वप्न में किसी को चाँटा लगा दिया, तो एक बात तय है कि बीज का अंकुरण तो हो ही गया है। संभव है, काँटे लग आने में कुछ समय लगे।
बच्चा मन में क्या सोचता है, यह जानने के लिए हर रोज उसे यह पूछो कि आज तुमने क्या सपना देखा?
बचपन से ही हर बच्चे के स्वप्न का अध्ययन किया जाना चाहिए। न केवल अध्ययन, बल्कि स्वप्न के संकेतों के अनुसार जीवन को भी ढाला जाना चाहिए। यदि बच्चा कहे कि उसने सपने में पड़ोस के बच्चे के थप्पड़ मारा है, तो इसका अर्थ यह हुआ कि उसके भीतर मारने की वासना छिपी हुई है। यदि हम चाहते हैं कि बच्चा बड़ा होकर सौम्य, सुशील और सरल बने; तो हमें बचपन से ही उसके प्रति चौकन्ना रहना होगा। हम अपने बच्चे को पड़ोस के लड़के के पास भेजें और कहें कि 'जाओ, उससे क्षमा माँगो। उससे जाकर कहो कि मैंने तुम्हें चाँटा मारा, सपने में ही सही, पर मुझसे यह भूल हुई।'
यह प्रक्रिया चित्त-शुद्धि की है। बुरे संस्कार कहीं चित्त में दमित न हो जाएँ, जड़ न पकड़ लें, इसीलिए चित्त-शुद्धि और उसकी निर्मलता के उपाय किए जाने चाहिएँ।
जापान ने हाल ही में एक मशीन तैयार की है जो स्वप्न रिकॉर्ड किया करती है। उनका मानना है कि स्वप्न देखते समय मनुष्य की आँख की पुतलियाँ बहुत तेजी से काम करती हैं। यह मशीन मनुष्य की आँखों और जबड़ों में फिट कर दी जाती है। इस मशीन का उपयोग अपराधियों की अपराध-भावना का पता लगाने के लिए विशेष रूप से किया जाता है।
__ अब तो ऐसी भी मशीन निकल चुकी है जो तुम्हें अपने मनवांछित सपने दिखा सकती है। तुम्हें जिससे मिलना हो, जो कुछ करना हो, जहाँ घूमना हो, तुम केवल
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