Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 398
________________ द्वितीयं परिशिष्टम् २८५ Se " ४. १८५ ५ शब्द शब्द पत्र शब्द पत्र अंतणिजमाण अन्तर्नीयमान १९६ आगच्छते क्रिया. ८४ आदंसगिह आदर्शगृह १३६-१३८ अंतस्था १५३ आगण्णेति आकर्णयति १०७ आदाणणक्खत्त २०९ अंतपाल ८९ आगतविभासा णाम पडलं ४२ आदित्तमंडल अंतर १२६ आगताणि सोलस ४१ आदिपंडक नपुंसकविशेष २२४ अंतरंस १८७ आगमगिह आगमगृह १३६ आदेयाणि १२८ अंतरिज अन्तरीय वस्त्र ६४-१६४ आगमण अज्झाय १३०-१३५ आधात्मचिंताय अध्यात्मचिन्तया ५७ अंतरिय २२२ आगमणजोणि १३९ आधायित क्रिया. २१५ अंतलिक्खाय अन्तरिक्षक आगमणविधिविसेस ९-१०-५९ आधार आहार १७८ अंता ५८-१२१-१२९ आगमेसभद्द आगमिष्यद्भद्र १०८ आधारइता आधारयित्वा ६७-८१ अंतोघर अन्तर्गृह ३२ आगमेहिति आगमिष्यति ८४ आधारए आधारयेत् ११ अंतोणाद अन्तर्नाद आगम्म आगत्य १९२ आधारणाय आधारणायाः ७ अंतोवारीय अन्तर्वार्याम् ८५ आगम्मगिह १३८ आधारणो अज्झाओ अंदोलंति क्रिया. ८० आगर आकर २०१ आधारतित्ता आधार्य अंधक आगामिभद्द १०८ आधारयितू आधार्य अंधी आन्ध्रदेशजा आगारेति आक रयति १०७ आधारयित्ता आधार्य ४० अंब आम्रवृक्ष ६३ आणिका भाण्ड २५५ आधावितक क्रिया. १६६ अंबकधूवि भोज्य ७१ आचरिय गोत्र १५० आधिपच्च आधिपत्य ११२ अंबटिक भोज्य १८२-२४६ आचिक्खति आचष्टे ८३-१०७ आधुत क्रिया. ८० अंबपिंडी भोज्य ७१ आचित क्रिया. १६५ आधोधिक आधोऽवधिक अंब (त) राई ५९ आच्छण्ण आच्छन्न १७ आपडित आपतित १७१ अंबाडक वृक्ष ६३ आजीवक गोशालकमत २४५ आपंचमंडल अंबाडकधूवी भोज्य ७१ आजीवणिक __ ९१ आपुणेय १२४-१४९ अंबासण पर्वतः ७८ आजोग। आयोग २० आपुरायण गोत्र १५० अंबिल अम्ल २२० आज्ञयणीय अध्ययनीय १४७ आपूपिक कर्माजीविन् १६० अंबिलक भोज्य १७९ आडवक पक्षी २३८ आपेलग मापीड २५९ अंबिलजवागू भोज्य १८१ आडविक आपेलचिंध मापीडचिह्न १४९ अंबेल्लि भोज्य ७१-१७९-२४६ आडा पक्षी ६९-२२५ आफकी वृक्षजाति अंसकूड अङ्ग ७२ आणावचरणिग स्थल-जलचर २२७ आबद्धक कर्णाभू. १६२ अंसकोवकरण १३४ आणु(णूक लक्षण १७३-१७४ आबंधण अंसपीढाणि अङ्ग ११८ आणुतासवेला? क्रिया. १९० २४७ आबाधिक अंसवीफाणिए अङ्ग ९९ आणेयाणि आभरणगत आतवगिह दोहदप्रकार १७२ आ आतपगृह १३६-१३८ आइल आविल आभरणजोणी ४ आतवितक वस्त्र १६३ आउर आतुर १२ आतिअति] आददाति १०७ आभरणजोणी अज्झाय १४०-१६२-१६३ आकुञ्चित १९८ आतिगंछिति आउंडित आचिकित्सति आभरणाधिगत कर्माजीविन् १६० आवेशन आएसण आतिमूलिकाणि ७४-७६-१०४ आओग आयोग २० आतिमूलीया १२१-१२८ आभिजोग्गिक आभियोगिक २६८ आकारण्णपवत्तणा? ४४ आतुरगिह आतुरगृह १३८ आभिणिबोधिक आभिनिबोधिक ९ आकासवियड १९९ आतुरजोणि १३९ आभिप्पायिक १५७ आकासाणि ५८-११८-१२८ आतुरता १३५ आमियोगिक देवता २०५ आकुंडित आकुञ्चित ११५ आतोज्जसद्द आतोद्यशब्द १८८ आमट्ठ मामृष्ट २१-२४-१११-१२८ आकोदित आकुचित १७१ आदंसग आदर्श-दर्पण १९३ आमतमत आमयमय १९४ १२८ ५८ आभिजण Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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